महाकुंभ के पावन अवसर पर मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। संगम नगरी प्रयागराज में लगभग 8-10 करोड़ श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए पहुंचे, जिससे संगम तट पर जबरदस्त भीड़ देखी गई। आधी रात से ही भक्तगण संगम तट पर स्नान के लिए उमड़ पड़े, लेकिन भीड़ इतनी अधिक थी कि बैरिकेडिंग फांदने की घटनाएं सामने आईं।
रात करीब 1 बजे बैरिकेडिंग टूटने के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें कई श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रशासन ने तुरंत ग्रीन कॉरिडोर बनाया और उन्हें मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई। हालांकि, कुछ श्रद्धालुओं की मौत की भी आशंका जताई जा रही है, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

सीएम योगी और पीएम मोदी की नजर
भगदड़ की घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह विभाग के प्रमुख सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सीएम योगी ने बताया कि अधिकतर श्रद्धालु बैरिकेडिंग फांदने की कोशिश में घायल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस घटना पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चार बार फोन पर बात कर स्थिति का जायजा लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी महाकुंभ की स्थिति को लेकर अपडेट लिया।
स्नान जारी, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि मौनी अमावस्या पर स्नान का कार्यक्रम निर्धारित क्रम में जारी रहेगा। पहले आम श्रद्धालु स्नान करेंगे और उसके बाद अखाड़ों का शाही स्नान होगा। अखाड़ा परिषद और प्रशासन के बीच सहमति बनी है कि जब भीड़ कम होगी, तब साधु-संत अमृत स्नान करेंगे।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस, सीआरपीएफ और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की टीमें तैनात कर दी गई हैं। सुरक्षा के लिए क्राउड डायवर्जन प्लान लागू किया गया है, ताकि संगम नोज की ओर दबाव कम किया जा सके।
सुबह 10 बजे तक करीब 3.75 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके थे, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे संगम नोज की ओर भीड़ न बढ़ाएं और आसपास बनाए गए अस्थायी घाटों पर स्नान करें।
महाकुंभ की पवित्रता और इसकी धार्मिक मान्यताओं के चलते आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। श्रद्धालुओं को विश्वास है कि संगम में डुबकी लगाने से उनके पाप धुल जाएंगे और मोक्ष की प्राप्ति होगी। प्रशासन हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और सुगम रूप से स्नान कर सकें।
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