भोपाल, 13 अक्टूबर 2025: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार को भोपाल कलेक्टर द्वारा राज्य के 30 निशानेबाजों (Shooters) के लाइसेंस रद्द करने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है।

कोर्ट ने कहा कि खिलाड़ियों को बिना सुनवाई का मौका दिए किसी भी प्रकार की कार्रवाई न्यायसंगत नहीं है।
कोर्ट ने क्या कहा
जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि प्रशासनिक आदेश पारित करने से पहले संबंधित पक्षों को अपनी बात रखने का अवसर दिया जाना चाहिए। अदालत ने राज्य सरकार और कलेक्टर से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
मामला क्या है
कुछ दिन पहले भोपाल कलेक्टर ने शस्त्र अधिनियम 1959 के तहत 30 खिलाड़ियों के हथियार लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। प्रशासन का कहना था कि इन लाइसेंसों का गलत इस्तेमाल होने की संभावना है। इस निर्णय के बाद खिलाड़ियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
खिलाड़ियों की दलील
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि वे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर शूटर हैं, और उनके हथियार केवल स्पोर्ट्स प्रैक्टिस और प्रतियोगिताओं के लिए उपयोग किए जाते हैं। लाइसेंस रद्द करना न केवल खिलाड़ियों के करियर पर असर डालेगा, बल्कि राज्य की खेल पहचान को भी नुकसान पहुँचाएगा।
अगली सुनवाई
कोर्ट ने सभी पक्षों से रिपोर्ट तलब करते हुए अगली सुनवाई नवंबर 2025 के प्रथम सप्ताह में निर्धारित की है। तब तक के लिए लाइसेंस रद्द करने के आदेश पर रोक बरकरार रहेगी।
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