HOME

stories

STORIES

google-news

FOLLOW

FOLLOW

JOIN

गलत जानकारी से बिगड़े हालात, हाईकोर्ट ने सरकार को दी सख्त चेतावनी

Updated: 07-01-2025, 10.18 AM

Follow us:

गलत जानकारी से बिगड़े हालात, हाईकोर्ट ने सरकार को दी सख्त चेतावनी
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। यूनियन कार्बाइड के कचरे के निस्तारण से जुड़े इस मामले में सरकार ने कोर्ट से छह सप्ताह का समय मांगा, जिसे हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने स्वीकार कर लिया। अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी। इस दौरान, सरकार ने कोर्ट को बताया कि पीथमपुर में भ्रामक जानकारियों के चलते हालात बिगड़े। कोर्ट ने फेक न्यूज और भ्रामक जानकारियों पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।

गलत जानकारी से बिगड़े हालात, हाईकोर्ट ने सरकार को दी सख्त चेतावनी
गलत जानकारी से बिगड़े हालात, हाईकोर्ट ने सरकार को दी सख्त चेतावनी

सरकार को मिला निस्तारण का समय

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा पेश किया। इसमें सरकार ने बताया कि यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को लेकर फैलाई जा रही भ्रामक जानकारियों ने लोगों में डर और भ्रम की स्थिति पैदा की है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि इस मामले में गलत जानकारी को दूर किया जाए। साथ ही, सरकार को कचरे के निस्तारण की कार्रवाई छह सप्ताह के भीतर पूरी करने का आदेश दिया गया है।

कोर्ट ने रामकी कंपनी में खड़े कंटेनरों को अनलोड करने की अनुमति दी, साथ ही यह स्पष्ट किया कि इसके लिए अलग अनुमति की आवश्यकता नहीं है। निस्तारण की प्रक्रिया पहले से ही कोर्ट के आदेश में शामिल है।

डॉक्टर्स और नागरिकों की आपत्तियां

सुनवाई के दौरान इंदौर के डॉक्टर्स और अन्य नागरिकों द्वारा कचरे के निस्तारण को लेकर कई आपत्तियां पेश की गईं। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि इन आपत्तियों और आवेदनों पर ध्यान दिया जाए और इनमें उठाए गए तथ्यों की जांच की जाए।

डॉक्टर्स और विशेषज्ञों ने निस्तारण प्रक्रिया के संभावित स्वास्थ्य प्रभावों को लेकर चिंता जताई है। इस पर कोर्ट ने सरकार को आवश्यक एहतियात बरतने और सभी पक्षों को संतुष्ट करने के निर्देश दिए।

भोपाल गैस त्रासदी: 20 वर्षों से लंबित है मामला

यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का निस्तारण एक लंबा और जटिल मामला बन गया है। 2004 में आलोक प्रभाव सिंह ने याचिका दायर की थी, जिसमें भोपाल गैस त्रासदी के बाद फैक्टरी में बचे 350 मीट्रिक टन जहरीले कचरे के विनिष्टीकरण की मांग की गई थी।

हाईकोर्ट ने पहले ही सरकार और संबंधित विभागों को निर्देश दिए थे कि जहरीले कचरे को जल्द से जल्द उठाकर निस्तारण स्थल तक पहुंचाया जाए। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि यदि आदेश का पालन नहीं हुआ, तो संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।

Leave a Comment

About Us

भोपाल की सुर्खियां आपका भरोसेमंद डिजिटल न्यूज़ स्रोत है, जिसका मुख्य उद्देश्य भोपाल, देश और दुनिया की ताज़ा और सत्यापित खबरों को सबसे तेज़ी से आप तक पहुँचाना है। हमारी विशेषज्ञ टीम ऑटोमोबाइल, खेल, धर्म, फाइनेंस, मनोरंजन, लाइफस्टाइल, हेल्थ और वेब स्टोरीज़ जैसे विषयों पर सटीक और निष्पक्ष जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम DNPA कोड ऑफ एथिक्स का पालन करते हैं और हमेशा सत्य और पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हैं।