पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के नष्टिकरण को लेकर माहौल तनावपूर्ण हो गया है। बुधवार को इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थिति और बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए, हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग नहीं किया।
विरोध की शुरुआत उस समय हुई जब भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा पीथमपुर लाया गया। यह कचरा 250 किलोमीटर दूर पीथमपुर में सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस कचरे को उनके क्षेत्र में लाकर उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण को खतरे में डाला जा रहा है।

सीएम की अपील: अफवाहों से बचें, न्यायालय का आदेश पालन
इस विवाद के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रात में एक आपात बैठक बुलाई। उन्होंने जनता से अपील की कि वे किसी भी तरह की भ्रामक खबरों से बचें। सीएम ने कहा, “हमारी सरकार जनहित में कार्य कर रही है और हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए ही कचरे का परिवहन किया गया है। जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए कोर्ट के समक्ष सारी परिस्थितियां और व्यावहारिक समस्याएं रखी जाएंगी।”
बैठक में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, धार विधायक नीना वर्मा, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
भोपाल गैस त्रासदी की काली यादें
यह जहरीला कचरा वही है जो 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के दौरान यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में बचा रह गया था। 2 दिसंबर 1984 को हुए इस हादसे में हजारों लोगों की जानें गईं, और कई अपंग हो गए। यह घटना अब भी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी मानी जाती है।
यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में 337 मीट्रिक टन कचरा मौजूद था, जिसमें कीटनाशक और अन्य रसायन शामिल थे। इस कचरे को अब सुरक्षित तरीके से नष्ट करने के लिए पीथमपुर लाया गया है। हालांकि, इसे लेकर स्थानीय निवासियों में काफी नाराजगी और डर का माहौल है।
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