मध्य प्रदेश में एक महिला अधिकारी पर भोपाल की अदालत ने 19 करोड़ रुपये की कुर्की का आदेश जारी किया। जब अदालत की टीम कुर्की के लिए पहुंची और सामान को बाहर निकालना शुरू किया, तो महिला अधिकारी आक्रोशित हो उठीं और टीम को बाहर निकालते हुए साफ शब्दों में कह दिया कि यहां कुर्की नहीं हो सकती। इस दौरान घटनास्थल पर भारी हंगामा हुआ और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
स्वास्थ्य विभाग के 2013 के विवादित भुगतान पर अदालत का कुर्की आदेश, महिला अधिकारी ने टीम को निकाला बाहर
यह मामला 2013 में मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोलकाता की एक कीटनाशक कंपनी से खरीदी गई दवाइयों से जुड़ा है। इन दवाइयों का भुगतान स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं किया गया था, जिससे विवाद बढ़ता गया। कंपनी ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद कोर्ट ने ब्याज सहित भुगतान का आदेश दिया। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए कंपनी ने भोपाल की अदालत में एक्जीक्यूशन याचिका दायर की, जिसके चलते कुर्की का आदेश जारी हुआ।
कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर भोपाल कोर्ट की कार्रवाई, स्वास्थ्य विभाग में भारी हंगामा
शुक्रवार को भोपाल कोर्ट की टीम कोलकाता हाईकोर्ट के वकील के साथ स्वास्थ्य संचालनालय के कार्यालय पहुंची और वहां रखे सामान को बाहर निकालना शुरू कर दिया। जैसे ही स्वास्थ्य संचालक मल्लिका निगम नागर को इस कार्रवाई की जानकारी मिली, उन्होंने आकर टीम को कुर्की करने से रोक दिया। मल्लिका निगम नागर का कहना था कि स्वास्थ्य निदेशक का पद यहां नहीं है, इसलिए कुर्की नहीं की जा सकती। कोलकाता हाईकोर्ट के अधिवक्ता पूर्णाशीष भुइया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट तक में स्वास्थ्य निदेशक की हार हो चुकी है और इस अनुचित व्यवहार की शिकायत वे भोपाल अदालत में करेंगे।
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