दिनांक: 14 अक्टूबर 2025 | स्थान: चंडीगढ़ / रोहतक
घटना का पृष्ठभूमि: आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की रहस्यमयी मौत
हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले ने पूरे राज्य को झकझोर दिया था। पूरन कुमार, जो एडिशनल डीजीपी पद पर तैनात थे, कुछ दिन पहले चंडीगढ़ स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे। पुलिस के अनुसार, उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या की थी।
घटनास्थल से 9 पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें उन्होंने 16 वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और करियर में रुकावट डालने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। अपने पत्र में उन्होंने सिर्फ एक अधिकारी — राजेश खुल्लर — का ज़िक्र सकारात्मक रूप में किया था, जिन्हें उन्होंने अपना “सच्चा सहयोगी” बताया।
पत्नी आईएएस अमनीत कौर ने उठाए FIR पर सवाल
मृत आईपीएस अधिकारी की पत्नी आईएएस अमनीत कौर ने इस मामले में दर्ज एफआईआर पर गहरा असंतोष जताया है। उन्होंने कहा कि एफआईआर में उन अधिकारियों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं जिनका ज़िक्र उनके पति ने अपने सुसाइड नोट में किया था।
अमनीत कौर ने चंडीगढ़ के एसएसपी को पत्र लिखकर मांग की है कि सभी नामों को शामिल करते हुए निष्पक्ष जांच कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है और उन्हें न्याय की उम्मीद अदालत से है।
नया मोड़: एक और पुलिसकर्मी की आत्महत्या ने हिला दिया सिस्टम
इस मामले में अब एक नया और चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब रोहतक में तैनात एएसआई संदीप कुमार ने भी आत्महत्या कर ली। उन्होंने आत्महत्या से पहले एक वीडियो संदेश और तीन पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने आईपीएस पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।
वीडियो में संदीप कुमार ने कहा कि पूरन कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग किया और ईमानदार अधिकारियों को हटाकर भ्रष्ट अधिकारियों को बढ़ावा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पूरन कुमार ने जातिगत भेदभाव के मुद्दे का उपयोग कर अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को छुपाने की कोशिश की।
जांच एजेंसियों के सामने नई चुनौती
अब जांच एजेंसियों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या दोनों आत्महत्याओं के बीच कोई संबंध है या नहीं। क्या एएसआई संदीप कुमार का वीडियो सच उजागर कर रहा है या यह किसी दबाव में उठाया गया कदम था?
इस मामले में पुलिस और एसआईटी (Special Investigation Team) अब दोनों घटनाओं के तार जोड़ने की कोशिश कर रही है। अधिकारियों के अनुसार, दोनों सुसाइड नोट्स और डिजिटल सबूतों का फोरेंसिक परीक्षण कराया जा रहा है।
राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज़
पूरन कुमार की आत्महत्या ने हरियाणा की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था को हिला दिया है। विपक्षी दलों और दलित संगठनों ने सरकार से मांग की है कि मामले की जांच सीबीआई या हाई-लेवल एसआईटी को सौंपी जाए।
वहीं, पूरन कुमार के परिवार ने भी कहा है कि यह मामला केवल आत्महत्या नहीं बल्कि “सिस्टम के भीतर छिपे उत्पीड़न और भ्रष्टाचार की सच्चाई” है। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय चाहिए और किसी भी अधिकारी को कानून से ऊपर नहीं होना चाहिए।
निष्कर्ष: जांच से निकलेगा असली सच या रह जाएगा रहस्य?
दो आत्महत्याओं के बाद यह मामला अब और जटिल हो गया है। एक तरफ पूरन कुमार के समर्थक इसे उत्पीड़न और भेदभाव का मामला बता रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ संदीप कुमार के आरोपों ने इसे भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का रूप दे दिया है।
सभी की निगाहें अब जांच एजेंसियों पर टिकी हैं — क्या सच सामने आएगा या यह मामला भी कई सवालों के साथ दफन हो जाएगा?
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