अपराधी कितने भी होशियार क्यों न हों, लेकिन कानून के शिकंजे से वे बहुत दिन तक बच नहीं सकते। ऐसा ही कुछ हुआ 28 साल की सोनाली शेख के साथ, जो भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को धोखा देने के प्रयास में सफल हो गई थी, लेकिन अंत में पकड़ी गई।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, सोनाली शेख ने पहले भारतीय सीमा को गैरकानूनी तरीके से पार किया और फिर मुंबई और दिल्ली में छिपकर रहने लगी। वह पिछले छह वर्षों से भारत में अवैध रूप से रह रही थी। पुलिस ने जब उसकी गतिविधियों पर नजर डाली, तो उसे दक्षिण-पश्चिम जिले में छिपे होने की जानकारी मिली। इसके बाद, एंटी नारकोटिक्स यूनिट ने उसे पकड़ने के लिए कार्रवाई की और उसे हिरासत में ले लिया।

सोनाली शेख का बांग्लादेश से भारत में प्रवेश
पूछताछ में सोनाली शेख ने बताया कि वह बांग्लादेश के सिंगशोलपुर गांव की रहने वाली है। उसने अवैध तरीके से भारत में घुसकर मुंबई और दिल्ली के विभिन्न इलाकों में छिपकर रहने की योजना बनाई थी। यह बात पता चलते ही पुलिस ने विदेशी अधिनियम के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। सोनाली शेख की गिरफ्तारी से पता चला कि वह बांग्लादेशी नागरिकों के एक नेटवर्क का हिस्सा हो सकती है, जो भारत में अवैध रूप से रह रहे थे।
डिपोर्टेशन और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने सोनाली शेख को बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी और उसे डिपोर्ट कर दिया गया। इसके अलावा, पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी से मिले इनपुट के आधार पर उन अन्य बांग्लादेशी नागरिकों की तलाश शुरू की है, जो दक्षिण-पश्चिम इलाके में अवैध रूप से रह रहे हैं। यह मामला साबित करता है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां किसी भी अवैध गतिविधि पर कड़ी नजर रखती हैं और कानून से बचकर भागने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होता।
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